जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता. मुझे इस तरह तड़पाना तुझे अच्छा लगता हे, हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना खुद है..ज़माने से हम नहीं- जिगर मुरादाबादी तुम मत https://garrettknkhb.buscawiki.com/126767/new_step_by_step_map_for_gulzar_sad_quotes