कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ Should the download website link offered from the article (सम्पूर्ण शिव चालीसा जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय https://damienmutjw.theideasblog.com/30211174/detailed-notes-on-shiv-chalisa-lyrics