लोग उससे आकर्षित हों तथा उसके वश वर्ती हों “ॐ ह्रीं श्रीं गोम गोरक्ष, निरंजनात्मने हम फट स्वाहाः”: The final Element of the mantra incorporates the phrase “निरंजनात्मने” which signifies the ‘unblemished soul’, referring on the pure spiritual essence of Gorakhnath. ॐ पाताल निरंजन निराकार, आकाश मण्डल धुन्धुकार, आकाश दिशा https://julius52om8.blogitright.com/32304527/new-step-by-step-map-for-shabar-mantra